गृहमंत्री अमित शाह के संसद में भारत रत्न डॉ.भीमराव अम्बेडकर पर दिए बयान के विरोध में मेघवाल विकास समिति ने दिया ज्ञापन.

गृहमंत्री के बयान पर अनु.जाति/जनजाति में रोष,राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

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एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए

गृह मंत्री द्वारा संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ.भीमराव अंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर समाज ने जताया रोष

नीमराना। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद भवन में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए विवादित बयान के खिलाफ आज गुरुवार को मेघवाल विकास समिति नीमराना ब्लॉक अध्यक्ष एडवोकेट अशोक पनवाल के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम उपखण्ड अधिकारी महेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में यह आरोप लगाया गया कि गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में भारत रत्न डॉ. अंबेडकर के बारे में आपत्तिजनक और बेतुके बयान दिए हैं। उन्होंने कहा था कि “बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम लेना फैशन बन गया है, अगर इतना नाम भगवान का लेते तो स्वर्ग मिल जाता।” समिति ने कहा कि यह बयान बाबा साहेब के ऐतिहासिक योगदान और सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष का अपमान है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि डॉ. अंबेडकर का नाम लेना कोई फैशन नहीं, बल्कि समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक परिवर्तन की उस क्रांति का प्रतीक है, जिसने करोड़ों दबे-कुचले लोगों को न्याय और अधिकार दिलाए। उन्हें भगवान से तुलना करना उनकी विचारधारा और संविधान निर्माण में उनके योगदान को कमतर आंकने का प्रयास है, जो असंवेदनशीलता और सामाजिक एकता के प्रति अनादर का परिचायक है।
समिति ने यह भी मांग की कि गृहमंत्री अमित शाह जब तक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, उनकी संसदीय सदस्यता रद्द की जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

ज्ञापन के दौरान एडवोकेट अशोक पनवाल, एडवोकेट देवानंद मोरोडिया, एडवोकेट विजय चौहान, एडवोकेट गजेन्द्र सिंह, एडवोकेट सुरेश कुमार जलालपुरीया, एडवोकेट इन्द्र सिंह, एडवोकेट मुकेश निर्मल, एडवोकेट पीताम्बर, बिशमभर दयाल, जयदयाल थानेदार, एडवोकेट जयकिशन, एडवोकेट सुभाष चन्द, एडवोकेट सतीश कुमार निमोरिया, राजू सामरिया, और एडवोकेट पवन समेत समाज के अन्य लोग उपस्थित रहे।

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